ऐ सरकार तुमने
जाने कैसे योजनाए बनाई!
कल के गरीब,
वो हलकी पीली रोटी, गुलाबी प्याज़,
चुटकी भर सफ़ेद नमक और हरी मिर्च से,
अपनी पेटपूजा करते थे!
आज ये हाल है,
रोटी, नमक और मिर्च ही रह गई,
प्याज़ के सुनाहेरे दाम है!
एसा ही चलता रहा तो,
जल्द ही वह दिन आएगा,
बड़ी सी थाली में होगा सिर्फ,
हरी मिर्च के साथ एक चुटकी भर नमक!
वक़्त है संभल जाओ,
नहीं तो हम सब तो डूब ही रहे है,
तुमको भी अपने साथ ले जायेंगे!
This post is a part of Write Over the Weekend, an initiative for Indian Bloggers by BlogAdda
जाने कैसे योजनाए बनाई!
कल के गरीब,
वो हलकी पीली रोटी, गुलाबी प्याज़,
चुटकी भर सफ़ेद नमक और हरी मिर्च से,
अपनी पेटपूजा करते थे!
आज ये हाल है,
रोटी, नमक और मिर्च ही रह गई,
प्याज़ के सुनाहेरे दाम है!
एसा ही चलता रहा तो,
जल्द ही वह दिन आएगा,
बड़ी सी थाली में होगा सिर्फ,
हरी मिर्च के साथ एक चुटकी भर नमक!
वक़्त है संभल जाओ,
नहीं तो हम सब तो डूब ही रहे है,
तुमको भी अपने साथ ले जायेंगे!
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लिखा तो बहुत खूब है आपने
ReplyDeleteसपनों की सचाई और सचाई के सपने
अरविन्द पासी
www.passey.info
Thanks Arvind ji.....hope sum Gus decisions are made either by them or by us :)
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