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Tuesday, 10 September 2013

बचपन!


बचपन की मीठी खुशबू भरी  यादें,
बचपन का वो मीठा सा प्यार!

माँ की पूजा की घंटी की आवाज़ और अगरबती की सुनहरी खुशबु,
हर सुबह  होने का सन्देश लाती थी!
सुबह ही गई, उठो! धीरे से कह जाती थी!

गुलाबी ठण्ड के साथ, 
मार्च का महीना आता था!
होली की बदमाशियों और गुलाल की अनोखी महक से,
हम सब को हँसाता था!

गर्मी का मौसम आता था,
हर सुबह तैयार होने पर, Nycil पाउडर सा महकाता था!
जब कूलर चलता था,
खस की भीनी खुशबू से सारा घर खिल जाता था!
रूह अफज़ा की मीठी खुशबू,
हर शाम की प्यास बुझाती थी!
पलंग के निचे रखे आम के टोकरी से आ रहे उस खुशबू से,
बावला मन खो जाता था!
सारे आमों की चोरी होती थी,
फिर मिलती थी माँ की मीठी सी डाट और
पेट के ख़राब होने से दवा की गन्दी सी वो बास!

बचपन की मीठी खुशबू भरी यादें,
बचपन का वो मीठा सा प्यार!

पहली बारिश भीनी सी खुशबू लाती थी,
साथ में पकोड़े तलने की महक, पड़ोसियों तक पहुच जाती थी!
कपडे घर अन्दर सूखते थे,
कपड़ो में गन्दी सी एक बास रहती थी!
उसको हटाने के लिए,
पोंड्स का डब्बा हम खाली करते थे!
बारिश में जब भीग कर छिकते और खास्ते हुए आते,
फिर मिलती थी माँ की मीठी सी डाट और,
दूध हल्दी की गन्दी सी वो बास! 

बचपन की मीठी खुशबू भरी यादें,
बचपन का वो मीठा सा प्यार!

प्यारी सी ठण्ड धीरे से आती,
त्योहारों की लम्बी सी लिस्ट साथ लाती!
गरम कपड़ो और कम्बल से नप्थेलॆन की खुशबू,
कई दिनों तक रह जाती थी!

नवरात्र पर घर में पूजा होता था,
कलश, कपूर और अखंड ज्योत की खुशबू से घर भर जाता था!
घर का हर कोना, उस खुशबू से शुद्ध हो जाता था! 

तुरंत ही दिवाली की रात आती थी!
साथ अपने, पटाखे, दिए और मिठाइयो की खुशबू लाती थी! 

नए साल के पहेले दिन पर,
डैम के पास पिकनिक मनाते!
सारा शहर वही जाता था,
खाना भी वही बनता था,
तरह तरह के व्यंजन की खुशबू के साथ,
हम सब के हँसी ठहाको से मानो, सारा संसार, खुशिया मनाता था!
साथ लाता था, वही सर्दी, खासी और फीवर!
फिर मिलती थी माँ की मीठी सी डाट और,
तबीयत के ख़राब होने से दावा की वो गन्दी सी बास!

बचपन की मीठी खुशबू भरी यादें,
बचपन का वो मीठा सा प्यार!

हर गली, हर जगह की,
अपनी सी एक महक होती थी!
आज भी जब उन गलियों में जाती हु,
वही प्यरी सी बचपन की खुशबू को जीता पाती हू!
समय बदल गया,
पर वो खुशबू आज भी नहीं बदले!
वही माँ के आँगन की प्यार की खुशबू,
वही पापा का मीठा सा प्यार!

बचपन की मीठी खुशबू भरी यादें,
बचपन का वो मीठा सा प्यार!


This poem is written for 'Smelly To Smiley' contest on Indiblogger, sponsored by AmbiPure!

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